श्रीहरि सत्संग की “गौ ग्राम योजना” के अंतर्गत किसानों को गाय दिए जाने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए गाय के गोबर से बनाये जाने वाले विभिन्न उत्पादों का प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू हो गया है।
उल्लेखनीय है कि गौ ग्राम योजना के अंतर्गत 12 नवंबर 2021 को पश्चिम बंगाल के नकाशीपाड़ा और 12 दिसंबर 2021 को झारखण्ड के दुम्मा में किसानों को गाय दी गई।
संस्था द्वारा गाय के साथ किसान को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौमूत्र और गोबर से जैविक खाद तथा अन्य विभिन्न उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण के दौरान ग्रामीण महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
इसके पहले चरण में 27 दिसंबर 2021 से 4 जनवरी 2022 तक नकाशीपाड़ा सहित अलग – अलग गाँवों में ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया गया।
27 से 29 दिसंबर 2021 को नकाशीपाड़ा, 30 दिसंबर को पूर्व सोना तोला गाँव, 31 दिसंबर को वीरपुर, 1 जनवरी 2022 को कुबेर नगर, 2 जनवरी को सत्यपुर, 3 जनवरी को वासुदेवपुर और 4 जनवरी को छोटा सिमुलिया में ग्रामीणों को गोमय दीपक, गमले, धूपबत्ती, संब्रानी कप, समिधा आदि उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
गौ ग्राम योजना के अंतर्गत अगले कुछ वर्षों में देशभर की गोशालाओं से एक करोड़ गोवंश निकालकर उनकी असली जगह गांवों में गोपालक किसानों के घर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।