पृथ्वी पर ग्रीन कवर अर्थात हरित पट्टी के निरंतर विनाश को गोवंश के संरक्षण से रोका जा सकता है. गोवंश से प्राप्त गोबर की खाद और गौमूत्र के भूमि पर छिडकाव से पेड़-पौधे और वनस्पतियाँ हरी रहेंगी. किसानों की आमदनी बढ़ेगी, अरबों रुपये के डीजल के आयात पर रोक लगेगी. परिणामस्वरूप देश के लिए राजस्व की बचत होगी और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी.
गाय का गोबर और गोमूत्र हानिकारक रसायनों को अवशोषित करके लाखों लोगों की जान बचाएगा.
एक गाय से 8 से 10 लीटर गोमूत्र और गोबर प्रतिदिन प्राप्त होता है. जिसमे पूरे देश की ग्रामीण आबादी को बायोगैस और बिजली प्रदान करने की क्षमता है.
‘गोसंरक्षण पर्यावरण संरक्षण है.’ इसलिए गौरक्षा, गोपालन और गौसंवर्धन अत्यंत आवश्यक है. गाय का दिव्य सार वातावरण को 15-20 मीटर तक शुद्ध और स्वच्छ रखता है. पर्यावरण की शुद्धता के अलावा, यह मन की शांति और पवित्रता को बढ़ावा देता है और बुरे विचारों, बुरे स्पंदनों को रोकता है. गौमाता में व्यक्ति, परिवार, समाज और वैश्विक भाईचारे की भावना के वास्तविक अर्थ को सार्थक करने का वैज्ञानिक गुण है. गाय ऑक्सीजन का भी सर्वोत्तम स्रोत है. इससे जीवन रक्षा के साथ – साथ प्रदूषण भी नियंत्रण में लाया जा सकता है. गाय के गोबर से सीमेंट, पेंट और ईंट बनाकर भी पर्यावरण नियंत्रण में योगदान किया जा सकता है.