Homeसरकारी योजनाएंगौ संरक्षण/ संवर्धनउप्र में ‘बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना’ 

उप्र में ‘बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना’ 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जुलाई 2019 में छुट्टा गायों की समस्या को लेकर ‘बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ शुरु की है।

उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. किसान परेशान हैं कि उनकी फसल को आवारा जानवर चौपट कर जाते हैं. सरकार का दावा है कि इस योजना से आवारा पशुओं की समस्या का समाधान होगा और रोजगार के मौके पैदा होंगे.

गोवंश सहभागिता योजना

कम दूध देने वाली, दूध नहीं देने वाली गाय और पशुपालकों द्वारा गाय के बछड़े को खुला छोड़ देने से गाँव में गोवंशों की संख्या काफी बढ़ जाती है जिससे खेती करना मुश्किल हो जाता है| यह सभी गोवंश सडक पर आ जाने के कारण दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है| इसी को ध्यान में रखते हुये उत्तर प्रदेश सरकार बेसहारा गोवंश के लिए गोवंश सहभागिता योजना लेकर आई है| निराश्रित और बेसहारा गोवंश को पूर्ण रूप से भरण पोषण प्रदान किये जाने और गोवंश के संरक्षण-संवर्द्धन की ये एक महत्वाकांक्षी योजना है| 

इस योजना के तहत जिलाधिकारी जनपद के ऐसे इच्छुक कृषकों, पशुपालकों अथवा अन्य व्यक्तियों को चिन्हित करायेंगे जो निराश्रित गोवंश को पालने के लिए तैयार हैं| ऐसे इच्छुक व्यक्तियों को जिलाधिकारी द्वारा प्रति गोवंश 30 रूपये प्रति दिन की दर से 900 रुपये प्रति माह दिए जायेंगे|    

भरण – पोषण हेतु ये धनराशि पशु पालक के बैक खाते में प्रति माह डी.बी.टी. प्रक्रिया द्वारा हस्तांतरित की जायेगी | इन निराश्रित और बेसहारा गोवंश कि पहचान के लिए उनके  कान में छल्ला अनिवार्य होगा| पशुपालक सुपुर्द किये गए गोवंश को किसी भी दशा में विक्रय नहीं करेगा और न ही छुट्टा छोड़ेगा | 

गोपालक योजना

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए गोपालक योजना शुरू की है. इसके तहत राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को डेयरी फार्म के द्वारा अपना रोजगार शुरू करने में मदद कर रही है. इसके लिए बैंक बहुत ही आसानी से लोन दे रहे हैं. योजना के तहत बैंक द्वारा 40 हजार रुपये प्रतिवर्ष 5 वर्षों तक प्रदान किए जाएंगे.

उत्तर प्रदेश गोपालक योजना का लाभ 10 -20 गाय रखने वाले पशुपालकों को मिलेगा. योजना में गाय या भैंस रखने का विकल्प खुला है. गोपालक योजना के तहत पशु दूध देने वाला होना चाहिए.

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