Homeसमाचारगौ रक्षा क्रांति का उद्घोष

गौ रक्षा क्रांति का उद्घोष

गौ धाम योजना

गोवंश की पीड़ा को योजनाबद्ध रूप से दूर करने के लिए गौ रक्षा – धर्म रक्षा और राष्ट्र रक्षा के संकल्प के साथ उमा कल्याण ट्रस्ट ने ‘गौ धाम योजना’ प्रारंभ की है।
‘गौ’ सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग है, लेकिन दुर्भाग्यवश आज गोवंश की दशा अत्यंत दयनीय है। गाय जब दूध देना बंद कर देती है, तब उसे छोड़ दिया जाता है। यही स्थिति नर गोवंश की है। अनुपयोगी होने पर गोवंश कसाई को बेच दिया जाता है, या फिर सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। इन दोनों ही स्थिति में गोवंश का रक्त बहता है।
गोवंश के रक्त की बूंद जब तक पृथ्वी पर गिरेगी तब तक न धर्म सुरक्षित रहेगा, न संस्कृति और न ही राष्ट्र।
गोवंश के जीवन की सुरक्षा हो और वो सुख से रह सकें, इसलिए ‘गौ धाम योजना’ के अंतर्गत किसान को गोपालक बनाकर गोवंश दिया जा रहा है। किसान परिवार गोवंश का पालन – पोषण भली भांति कर सके इसके लिए उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है।
अधिकांश लोग गाय की उपयोगिता दूध तक ही सीमित समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। गोबर और गोमूत्र की उपयोगिता किसी भी मायने में दूध से कम नहीं है।
गौ धाम योजना के अंतर्गत किसानों को गोपालक बनाकर गोवंश पालने के लिए दिया जा रहा है और उन्हें गोबर और गोमूत्र का उपयोग बताकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
गौ वंश को किसान आसानी से पाल सकें, इसके लिए प्रशिक्षक गांव-गांव जाकर उन्हें गोबर और गोमूत्र से गौ उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं।
जिन किसानों को गोपालक बनाया जा रहा है उन्हें गौ उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ मोल्ड (सांचे) भी निःशुल्क दिये जा रहे हैं।
गौ उत्पाद के प्रशिक्षण और गौ उत्पाद बनवाने के लिए आवश्‍यकतानुसार सेंटर बनाये गये हैं। दीपक, धूपबत्ती आदि उत्पाद बनाकर ग्रामीण महिलायें स्वावलंबी हो रही हैं।
गोवंश को चराने के लिए गांव से ही गौ सेवक तैयार किये जा रहे हैं।
इस प्रकार ग्रामीणों को रोज़गार मिल रहा है।
सेंटर द्वारा गोवंश के स्वास्थ्य की देखरेख के लिए डॉक्टर और एंबुलेंस की व्यवस्था की जाती है।
गोवंश को लाने ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की जाती है।
आवश्‍यकता के अनुसार गौवंश के चारे की व्यवस्था की जाती है।
वृंदावन में उत्तर प्रदेश सरकार की सहभागिता योजना के अंतर्गत किसानों को गोवंश दिलवाया जा रहा है। मथुरा जनपद के राया ब्लॉक के सियरा गाँव में ग्राम पंचायत के सहयोग से गोशाला का संचालन किया गया। इस गोशाला से सहभागिता योजना के अंतर्गत किसानों को स्वस्थ गाय दी जाती रही है।
गौ धाम योजना के प्रचार – प्रसार गौ रथ का संचालन किया जा रहा है,  गौ धाम संदेश पत्रिका का प्रकाशन किया जा रहा है और किसानों / गोपालकों का डेटा तैयार किया जा रहा है।
गौ धाम योजना का मुख्य केंद्र गोपाल श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन – मथुरा है। शीघ्र ही इस योजना का विस्तार अन्य राज्यों में भी किया जाएगा।
‘गौ सेवा और गौ रक्षा’ के लिए समर्पित ‘गौ धाम योजना’ गोवंश और किसान परिवार के मध्य सेतु निर्माण का कार्य भी कर रहा है। क्योंकि गोवंश की उचित देखभाल किसान ही कर सकता है, इसलिए उमा कल्याण ट्रस्ट द्वारा गोवंश की सुरक्षा और ख़ुशहाली के लिए किसान परिवार के सर्वांगीण विकास की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है, जैसे किसान को आत्मनिर्भर बनाना, किसान परिवार की महिलाओं को स्वावलंबी बनाना, उनको बच्चों को संस्कारित और शिक्षित करना आदि।  
गोवंश के संरक्षण-संवर्धन के लिये किए जा रहे कार्य
 
 • आत्मनिर्भर किसान – गरीब किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गोवंश दिलाना तथा गोबर और गोमूत्र के उपयोग से आमदनी बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण देना
 • चारा प्रबंधन – गोवंश को पर्याप्त चारा उपलब्ध हो, इसके लिए नेपियर घास उगाना और किसानों को इसके लिए प्रेरित करना व प्रशिक्षण देना
 • जैविक कृषि – गोबर और गोमूत्र से जैविक खाद, जैव उर्वरक तथा कीटनाशक बनाने का प्रशिक्षण देकर किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करना
 • महिला सशक्तिकरण – कृषक महिलाएं स्वावलंबी बन सकें इसके लिए उन्हें गोबर से दीपक, धूपबत्ती, उपले आदि उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देकर उनकी आय में वृद्धि करना
 • गोवंश संरक्षण – गोवंश की सुरक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से आदर्श गोशाला का मॉडल तैयार करना
 • स्वास्थ्य रक्षा – गोवंश के स्वास्थ्य की देखभाल और चिकित्सा सुविधा के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करना और समय – समय पर गोशालाओं और गांवों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करना
अन्य गतिविधियां:-
i) वृक्षारोपण करना
ii) चारागाह विकसित करना (हर पंचायत में चारागाह की भूमि होती है, सरकार के सहयोग से उसे चिन्हित किया जा रहा है)
iii) पोषण वाटिका तैयार करना  
iv) यदि कहीं पानी की समस्या है तो बारिश के पानी को स्टोर करने के लिए सम्बंधित अधिकारी से मिलकर इन गाँवों के लोगों को पानी स्टोर करने की जानकारी देना
v) किसान परिवार बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए प्रयास करना

सफलता के 2 वर्ष :-

गौ धाम द्वारा विगत 2 वर्षों में गोवंश के संरक्षण और किसान परिवार के खुशहाल जीवन के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्य किये गये:-

कान्हा गौशाला में गाय लेने के लिए आये हुए किसान web
  1. आवारा गोवंश को आश्रय : सड़कों पर भटकते आवारा, निराश्रित गोवंश को आश्रय देने के लिए उमा कल्याण ट्रस्ट ने गौ धाम के माध्यम से एक मुहिम चलाई, जिसके अंतर्गत किसानों द्वारा छोड़े गये गोवंश को पुनः किसानों के घर पहुँचाया गया। किसान दोबारा गोवंश को न छोड़े इसके लिए उन्हें गोमूत्र और गोबर का उपयोग सिखाया गया तथा जैविक कृषि और गौ उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देकर किसान और किसान परिवार की महिलाओं को अतिरिक्त आय के साधन से जोड़ा गया।
  2. सियरा गोशाला : बीमार, अपाहिज और वृद्ध गोवंश की देखभाल के लिए मथुरा ज़िले के सियरा ग्राम पंचायत (राया ब्लॉक) में गोशाला का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। उमा कल्याण ट्रस्ट द्वारा संचालित इस गोशाला में गोवंश के रहने तथा उनके चारा, पौष्टिक आहार और उपचार आदि का समुचित प्रबंध किया गया।
  3. सहभागिता योजना : निराश्रित गोवंश के रख-रखाव के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सहभागिता योजना द्वारा किसानों को निःशुल्क गोवंश दिया जा रहा है। साथ ही गोवंश के चारे के लिए प्रतिदिन 50 रुपए के हिसाब से प्रतिमाह 1500 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। सहभागिता योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिल सके इसके लिए उमा कल्याण ट्रस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गौ धाम टीम के सदस्य मथुरा जनपद के अलग अलग ब्लॉक में जाकर किसानों को सहभागिता योजना की पूरी जानकारी देते हैं और उन्हें गोवंश रखने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज़ से लेकर गोशाला से गाय दिलाने में गौ धाम टीम किसानों की पूरी मदद करती है। गाय दिलाने के बाद उसके रख रखाव, दाना – चारा, स्वास्थ्य आदि को लेकर गौ धाम टीम लगातार उन गोपालक किसानों के संपर्क में रहती है और सरकार से मिलने वाली धनराशि दिलाने में उनकी सहायता करती है।

साभार : गौ धाम संदेश

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