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गौधाम गौशाला

गौ धाम गौशाला राया

गौ धाम गौशाला राया पशु चिकित्सालय से लगभग 1.5 किमी और गौ धाम वृन्दावन से लगभग 18 किलोमीटर दूरी पर सियरा ग्राम पंचायत में स्थित है।

इस गौशाला को वृन्दावन गौधाम द्वारा 14 नवंबर गोवर्धन पूजन के पवित्र अवसर  पर गिरिराज महाराज जी के आशीर्वाद से लिया गया है। इस अवसर पर गोवर्धन पूजन में गौ ग्राम योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष्य श्रीनारायण अग्रवाल जी उपस्थित रहे।

वर्तमान में इस गौशाला में 12 बछिया, 77 गौमाता और 11 नंदी कुल 100 गौवंश हैं, जिसका संचालन गौधाम वृन्दावन द्वारा किया जा रहा हैं।

गोवंश के रख-रखाव के लिए 24 घंटे के लिए गौशाला में 3 ग्वाले नियुक्त किये गये हैं, जिनके रहने और भोजन की व्यवस्था गौ धाम गौशाला द्वारा की जाती है।

गोवंश के लिए दिन में दो बार (सुबह और शाम ) पौष्टिक भोजन के लिए निम्नलिखित आहार की व्यवस्था भी की गयी है –

  • गौवंश की पोषक आहार की सूची
  • हरा चारा
  • भूसा
  • दलिया
  • चुनी
  • चोकर
  • खल
  • गुड़ (केवल सर्दियों के लिए महीने में 15 दिन )
  • नमक (चाटने के लिए, जिससे गौवंश की जीभ में छाले न पड़े और पाचन सकती ठीक रहे )
  • चारा खिलाने की विधि

सभी गोवंश को गौशाला में बने लड़ावनी में चारा डालते हैं। पहले पूरे लड़ावनी में हरा चारा डालते हैं,  जिसके बाद चारे के ऊपर भूसा और ड्रम में भिगोये गये खल को डालते हैं। इसके  बाद दाना यानि चुनी और चोकर डालकर पूरे लड़ावनी में डाली गई सभी सामग्री को अच्छे से मिला लेते हैं। फिर गोवंश को खाने के लिए छोड़ा जाता हैं।

  • गोवंश के प्रतिदिन के  पोषण आहार की सूची और होने वाला व्यय
For 1 Gauvansh (1 day)
S.No.ParticularQty.RateAmount
1Hara Chara10 kg440
2Bhusa2 kg1224
3Khal500 gm33    16.5
4Chuni500 gm3115.5
5Chokar500 gm2311.5
6Namak   
    107.5

सुरक्षा व्यवस्था

  • सर्दियों से गोवंश के बचाव के लिए टीनशेड को चारों ओर सेतिरपाल से ढक दिया गया है और रोशनी की व्यवस्था के लिए 5 लाइट लगाई हैं, जिससे रात को पूरी गौशाला में रोशनी रहती है।
  • जंगली कुत्ते से बचाव के लिए चारों ओर की बाउंड्री को मजबूत किया गया है।
  • बारिश में गौशाला के अंदर खुली जगह पर पानी भरने से  कीचड़ हो जाती थी,  उसे  मिटटी डालकर समतल कर दिया गया है।
  • गौशाला के बाहर की एक एकड़ ज़मीन पर गोवंश के लिए  हरा चारा उगाने की व्यवस्था की गयी है और गोवंश की समाधि बनाने हेतु जगह बनाई गई  है।
  • गौशाला के चारों ओर की सफाई करके सारे गोबर को एक जगह एकत्रित किया जाता है।

गौशाला में वर्तमान में निर्माण किये जाने वाले कार्यों का विवरण

  • गोवंश के चारा आदि रखने के लिए एक भूसा घर बनाया जा रहा है, जिसकी लम्बाई 110 फ़ीट, चौड़ाई 24 फ़ीट और ऊंचाई 16 फ़ीट होगी।
  • बछड़ा और बछिया के लिए अलग शेड का निर्माण किया जा रहा है।
  • जो टीनशेड पहले से बना है उसकी चौड़ाई को 18 फ़ीट बढ़ा दिया गया है, जिससे गोवंश वहां आराम से रह सके।
  • गौशाला में रहने वाले ग्वालों के लिए कमरा और ऑफिस का निर्माण किया जा रहा है।
  • गौशाला में उपयोग की जाने वाली सामग्री एवं गोवंश का वज़न तोलने के लिए 1000 टन के वेगहिंग मशीन प्रबंधन किया जा रहा है।
  • गर्मी की व्यवस्था और शुद्ध वातावरण के लिए बाउंड्री के चारों ओर वृक्षारोपण किया जा रहा है।
  • गौशाला में बिजली के स्थाई कनेक्शन का कार्य प्रोसेस में है।
  • मथुरा प्रशासन से संपर्क करके मथुरा जिला में गौधाम गौशाला व अन्य गौशालाओं के लिए हरा चारा उगाने के लिए गोचर भूमि का कार्य प्रोसेस में हैं, ताकि गौवंश को भरपूर मात्रा में हरा चारा उपलब्ध हो।
गौ धाम गौशाला 6

गौधाम गौशाला का उद्देश्य –

  • सड़कों पर घूम रहे आवारा, अनाथ, वृद्ध एवं बीमार गोवंश को आश्रय स्थल देना और उनकी अच्छे से देखरेख करना।
  • उचित आहार और उपचार से तंदुरुस्त बनाकर गोवंश को किसानों के घर पहुंचना, क्योंकि गाय का असली घर किसान का घर है।
  • यहाँ देशी नस्ल के नंदी को विकसित करके देशी गायों की गुणवत्ता को बढ़ाई जायेगी। 
  • गौधाम गौशाला के आस – पास के किसानों तथा युवा ग्रामीणों को गोपालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • गोवंश के उपचार की समुचित व्यवस्था करना तथा ग्रामीण समाज में गौ के प्रति जागरूकता बढाकर, महिलाओं को गौ उत्पाद के निर्माण द्वारा अपनी आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना।

गौधाम गौशाला का उद्देश्य  एक ऐसी गौशाला का संचालन करना है, जहाँ बेसहारे, भटकते गोवंश का संरक्षण, रख-रखाव, व चिकित्सा और सेवा की जा सके और वहां से स्वस्थ गोवंश को किसानों के घर पहुंचाने की  व्यवस्था की जा सके, क्योंकि  गाय का वास्तविक  घर किसान का घर है।

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