गौ उत्पाद बनाकर स्वावलंबी हो रही ग्रामीण महिलाएं
गोपालक रम्भा देवी पूरी तरह से अपने भाई-भाभी पर निर्भर थीं, बाहर निकलकर काम करना तो दूर की बात थी, लेकिन गौ ग्राम योजना से गाय मिलने के बाद अब वो गाय के गोबर से दीपक बनाकर हर दिन 100-150 रुपए रही हैं।
रम्भा देवी
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गोपालक ममता देवी बताती हैं, “अब घर में बैठे-बैठे गाय के गोबर से दीपक बनाते हूँ। पिछले 8 महीने से मैंने दीपक बनाने का काम शुरू किया है। प्रतिदिन लगभग 200 दीपक तैयार कर लेती हूँ, जिससे 150 रुपए तक मिल जाते हैं। इससे अब जीवन आसान हो रहा है।”
ममता देवी
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गोपालक मीना देवी गर्व के साथ कहती हैं कि गौ ग्राम योजना के कार्यकर्ताओं ने हम ग्रामीण महिलाओं को गाय के गोबर से उत्पाद बनाना सिखाकर हमें आत्मनिर्भर होना सिखाया है। ऐसा हमने जीवन में पहले कभी नहीं सोचा था।
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गोपालक लालमुनि देवी कहती हैं, “गौ उत्पाद बनाकर बहुत अच्छा लगता है। अब मैं अपने परिवार की कमाई में योगदान कर पा रही हूं।”
लालमुनि देवी
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दो बच्चों की मां और योग्यता से स्नातक गोपालक पूरनी देवी ने बताया कि गौ ग्राम योजना से गाय पाने और गौ उत्पाद बनाने से पहले वो घर में पड़े-पड़े बोर होती थीं। लेकिन अब दीपक बनाती हूँ, जिससे समय का पता ही नहीं चलता।
पूरनी देवी
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गोपालक चनिया देवी बताती हैं, “घर में खाना बनाने के बाद अब खाली समय में गाय की देख – रेख करती हूँ और घर में बैठकर धूपबत्ती बनाती हूँ। धूपबत्ती बनाकर हमें अच्छे पैसे भी मिल जाते हैं। मुझे खुशी है कि इस तरह मैं घर का खर्च चलाने में अपने पति की मदद कर पा रही हूँ।
चनिया देवी
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दुम्मा गाँव की ग्रेजुएशन की छात्रा आरती कुमारी ने बताया कि पहले अपनी पढ़ाई के खर्च के लिए पिता और भाई के सहारे थीं लेकिन अब घर में गाय आ गई है तो पढ़ाई के बाद जो समय निकलता है उससे मैं धूपबत्ती बनाती हूँ, जिससे अपनी पढ़ाई का खर्चा तो निकल ही रहा है साथ ही अपने पैसों से घर वालों की भी मदद कर पा रही हूं और ऐसा करके मुझे बहुत अच्छा लगता है।”
आरती कुमारी
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गोपालक सीना देवी के घर में दो गाय हैं। वह गाय के गोबर का इस्तेमाल अधिकतर कंडे बनाकर ईंधन के रूप में करती थीं। लेकिन अब गौ ग्राम योजना से जुड़कर ज़रुरत भर के कंडे बनाने के बाद बचा हुआ गोबर सुखाकर 10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से गौ ग्राम योजना को दे देती हैं और साथ ही साथ गौ ग्राम योजना के लिए दीपक भी बनाती हैं। दीपक बना कर वह एक दिन में 150 रुपये कमा लेती हैं।
सीना देवी
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प्रस्तुति – राजू कुमार पाण्डेय, गौ ग्राम सह योजना प्रमुख