गोकशी आज देश और समाज के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है. गाय पूज्यनीय है. गाय को माता का दर्ज़ा दिया गया है. फिर भी गाय सुरक्षित नहीं है. अनुपयोगी होने पर गाय को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है. बिनदुधारू या कम दूध देने वाली, बूढ़ी, अपाहिज, बीमार गोवंश को कसाई के हाथों बेच दिया जाता है.
हालांकि, देश के अलग अलग राज्यों में गोकशी को रोकने के लिए गौ-संरक्षण कानून बनाये गए हैं. लेकिन इन कानूनों को सही ढंग से लागू नहीं कराया जा रहा है. यही वजह है कि कानून के होते हुए भी गो-हत्याओं को बढ़ावा मिल रहा है.
गोकशी को रोकने के लिए देश में आज़ादी से पहले और बाद में अनेक आन्दोलन होते रहे हैं, लेकिन गोकशी रोकने के लिए अभी तक कोई प्रभावी क़ानून नहीं बन सका है. जिन राज्यों में गोकशी निषेध क़ानून बने भी हैं, वो सिर्फ़ औपचारिकता मात्र हैं. ऐसे में गोकशी को रोकने के लिए जनजागरण की ज़रुरत है. जिससे गोवंश का संरक्षण और संवर्धन हो सके.