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जैविक खाद

स्वास्थ्य और पर्यावरण की दृष्टि से जैविक कृषि को बढ़ावा देना अति आवश्यक है. 

जैविक कृषि के लिए सबसे पहले किसान को मिट्टी की जांच करवा लेनी चाहिए. मिट्टी की जांच किसी भी कृषि प्रयोगशाला में हो जाती है. ये जांच किसान को मिट्टी की सेहत अर्थात उर्वरा शक्ति की सही जानकारी देता है जिससे किसान सही खाद और कीटनाशकों की मदद से उत्तम पैदावार से अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. 

जैविक कृषि के लिए जैविक खादों का इस्तेमाल किया जाता है. ये वो खाद होती है, जो फसल के अवशेष पशु मल-मूत्र आदि से बनाई जाती है. जैविक खाद कई प्रकार की होती है जैसे गोबर की खाद, हरी खाद, गोबर गैस खाद आदि.

जैविक खाद बनाने के लिए एक मीटर चौड़ा, एक मीटर गहरा, 5 से 10 मीटर लम्बाई का गड्ढा खोदकर तैयार कर लेते हैं. फिर उसमें प्लास्टिक शीट फैलाकर उसपर खेती अवशेष की एक लेयर पर गाय का गोबर और गो मूत्र की एक पतली परत चढ़ाते हैं. इसके बाद उसे अच्छी तरह पानी से नम करके गड्ढे को मिट्टी और गोबर से बंद कर देते हैं. दो महीने में तीन बार उलट-पलट करने पर अच्छी जैविक खाद बन कर तैयार हो जाती है.

जैविक कृषि में वर्मीकम्पोस्ट खाद का भी इस्तेमाल करते हैं.   ये खाद केंचुआ की मदद से बनती है. 

वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने के लिए छायादार और नम वातावरण की आवश्यकता होती है. इसलिए घने छायादार पेड़ के नीचे या छप्पर के नीचे केंचुआ खाद बनानी चाहिए. जगह के चुनाव के समय उचित जल निकास और जल के स्रोत का विशेष ध्यान रखना ज़रूरी है. 

वर्मीकम्पोस्ट बनाने के लिए एक लम्बा गड्ढा खोदकर उस में प्लास्टिक शीट फैला कर जरुरत के अनुसार गोबर, खेत की मिट्टी, नीम पत्ता और केंचुआ मिला हर रोज़ पानी का छिड़काव करें. वर्मीकम्पोस्ट खाद में एंटीबायोटिक होता है इसलिए फसल में रोग कम होता है.

जैविक कृषि में हरी खाद का भी इस्तेमाल होता है. हरी खाद लोबिया, मुंग, उड़द, ढेचा, सनी और गवार की फसल से बनती है. 

हरी खाद से अधिकतम कार्बनिक एलिमेंट्स और एण्ड्रोजन प्राप्त करने के किये इन फसल को 30-50 दिन में ही खेत में दबा दें, क्योंकि इस अवधि में पौधे नाज़ुक होते हैं और जल्दी नष्ट हो जाते हैं. 

हरी खाद नाइट्रोजन और कार्बनिक एलिमेंट्स की आपूर्ति के साथ साथ खेत को अनेक पोषक एलिमेंट्स भी देती हैं. हरी खाद में नाइट्रोजन, गंधक, सल्फर, पोटाश, मैग्नीशियम, कैल्शियम, कॉपर, आयरन और जस्ता इत्यादि होता है जो मिट्टी को फर्टाइल बनती है.

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