खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया है. पूरी तरह गंधहीन ये पेंट एंटीबैक्टीरियल, इको फ्रेंडली और एंटी फंगल है. इसमें आम डिस्टेंपर या पेंट की तरह विषैले पदार्थ भी नहीं हैं. इस पेंट में सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम जैसे भारी धातुओं का असर भी नहीं है. यह पेंट पर्यावरण के अनुकूल, नॉन-टॉक्सिक, गंधहीन और सस्ता है.
इस पेंट को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने भी प्रमाणित किया है. गाय के गोबर से बने इस पेंट से दीवार रंगते हैं तो महज 4 घंटों में ही सूख जाता है, जबकि केमिकल वाले पेंट में ठीक से सूखने में कई घंटे लगते हैं और गंध की समस्या अलग होती है. गंध की वजह से कई लोगों को एलर्जी भी हो जाती है. इस पेंट में अपनी जरूरत के हिसाब से कोई और रंग भी मिलाया जा सकता है.
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के इस उत्पाद से किसानों की आमदनी बढ़ेगी. रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और किसान या आम लोग गोबर को बेचकर अच्छा पैसा कमा सकेंगे.
ग्रामीण इलाकों में आज भी गाय के गोबर से घर को लिपा-पोता जाता है. एंटीबायोटिक की तरह काम करने के कारण गाय का गोबर घरों में नुकसानदायक बैक्टीरिया या जीवाणु को निष्क्रिय कर देता है. पूजा-पाठ के स्थान को भी गोबर से लेप किया जाता है. अब गाय के गोबर से बना पेंट बाजार में उपलब्ध है.