उत्तर प्रदेश : गो आश्रय स्थल
उत्तर प्रदेश राज्य के ग्रामीण व शहरी इलाकों में 5146 गो आश्रय स्थल बनाये गये हैं. इनमें 4452 अस्थायी गो वंश स्थल, 148 कान्हा गोशाला, 402 कांजी हाउस और 144 वृहद गो संरक्षण केन्द्र हैं. इन गो-आश्रय स्थलों में 5,19,816 गोवंश संरक्षित हैं।
राज्य में निराश्रित-बेसहारा गोवंश की सुरक्षा के लिये शेड का निर्माण कराया गया है. साथ ही इनकी सुरक्षा, पीने का पानी, प्रकाश, पशु चिकित्सा, हरा चारा उत्पादन आदि कार्य भी कराए जा रहे हैं.
गोवंश की पहचान के लिये उन्हें यूआईडी इयर टैग लगाया गया है. उनके भरण-पोषण के लिये विभिन्न गो-आश्रय स्थलों में 9.80 लाख कुन्तल भूसा एकत्र कर संरक्षित किया गया है.
मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत इच्छुक किसानों को गोवंश देकर लाभान्वित किया गया है. साथ ही, राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत 519 कुपोषित परिवारों को गोवंश आश्रय स्थलों से गोवंश उपलब्ध कराया गया है.
प्रदेश में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों से पृथक निराश्रित गोवंश को स्थायी रूप से सरंक्षित किए जाने एवं आश्रय केन्द्रों को स्वावलम्बी बनाए जाने के उद्देश्य से ‘वृहद गो-संरक्षण केन्द्र’ बनाये गए है. इसके साथ ही बुन्देलखण्ड के 07 जिलों में पशु-आश्रय गृह का निर्माण भी किया गया है. जहाँ गोवंश को संरक्षित किया गया है.
गो-आश्रय स्थलों को स्वावलम्बी बनाए जाने के लिये गोबर, गोमूत्र के विविध प्रयोग एवं अन्य कार्यक्रम के तहत मनरेगा से गो-आश्रय स्थलों पर कुल 3,112 परियोजनाएं संचालित हैं, जिसके द्वारा 4,10,644 मानव दिवस का सृजन किया गया है। इन गो-आश्रय स्थलों पर जैविक खाद तैयार की जा रही है।